About Shiv Chalisa
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नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥
आपने सदा निर्धन को धन दिया है, जिसने जैसा फल चाहा, आपकी भक्ति से वैसा फल प्राप्त किया है। हम आपकी स्तुति, आपकी प्रार्थना किस विधि से करें अर्थात हम अज्ञानी है प्रभु, अगर आपकी पूजा करने में कोई चूक हुई हो तो हे स्वामी, हमें क्षमा कर देना।
शिव चालीसा का पाठ पूर्ण भक्ति भाव से करें।
स्वामी एक है आस तुम्हारी । आय हरहु अब संकट भारी ॥
देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥
मैना मातु की हवे दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥
नमो नमो जय नमः शिवाय। सुर ब्रह्मादिक पार न पाय॥
स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु मम संकट भारी॥
हरं सर्पहारं चिता भूविहारं भवं वेदसारं सदा निर्विकारम् ।
शिवाष्टक स्तोत्र का पाठ करने के फायदे
एक कमल प्रभु राखेउ जोई । कमल नयन पूजन चहं सोई ॥
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥
सङ्कट कटै मिटै सब पीरा। जो सुमिरै हनुमत बलबीरा।।
अर्थ- हे भोलेनाथ आपको get more info नमन है। जिसका ब्रह्मा आदि देवता भी भेद न जान सके, हे शिव आपकी जय हो। जो भी इस पाठ को मन लगाकर करेगा, शिव शम्भु उनकी रक्षा करेंगें, आपकी कृपा उन पर बरसेगी।